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धर्मनगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर 20 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

इस दिन पवित्र नदियों व गंगा स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है।

हरिद्वार

धर्मनगरी हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली , उत्तराखंड के साथ लगते जिलों से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे और उन्होंने मां गंगा में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा में स्नान किया और पुण्य कमाया।

लगभग 20 लाख भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों व गंगा स्नान करने और दीपदान करने का विशेष महत्व है। पूर्णिमा पूर्णत्व की तिथि मानी जाती है। इस दिन स्नान, दान और ध्यान विशेष फलदायी होता है। इस तिथि के स्वामी स्वयं चन्द्रदेव हैं। इस तिथि को सूर्य और चन्द्रमा समसप्तक होते हैं। इस तिथि पर जल और वातावरण में विशेष ऊर्जा आ जाती है। इसलिए नदियों और सरोवरों में स्नान किया जाता है।

कार्तिक की पूर्णिमा के स्नान से नौ ग्रहों की कृपा आसानी से मिल सकती है। कार्तिक पूर्णिमा का शैव और वैष्णव दोनों ही सम्प्रदायों में बराबर महत्व है। इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था और विष्णु जी ने मत्स्य अवतार भी लिया था। इसी दिन गुरुनानक देव का जन्म भी हुआ था, इसलिए सिख समुदाय के लोग भी इसे प्रकाश पर्व या गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं।

गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा में दीपदान किया और गरीबों को दान देकर पुण्य कमाया।

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