Homeमुजफ्फरनगर

बांग्लादेश के हिंदुओं पर अत्याचार बंद किया जायेः प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी।

मुजफ्फरनगर

क्रान्ति बुलेटिन ब्यूरो

मुजफ्फरनगर। राष्ट्रीय सामाजिक संस्था एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयुक्त तत्वावधान में को विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग हाथों पर काली पट्टी बांधकर एकजुट होकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में सड़कों पर उतरे नजर आये। इस दौरान सामाजिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने कहा कि समाज में एक दूसरे के खिलाफ हिंसा का कोई स्थान नहीं है। आज बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वो निंदनीय है। यह बंद किया जाना चाहिए। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर को राष्ट्रीय सामाजिक संस्था एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संयुक्त तत्वावधान में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के खिलाफ हो रही हिंसा और हमलों के विरोध में शांति मार्च निकाला गया। सवेरे सभी लोग सोल्जर बोर्ड परिसर में एकत्र हुए और यहां हाथों पर काली पट्टी बांधकर शांति मार्च शुरू किया गया। यह शांति मार्च सोल्जर बोर्ड से प्रारम्भ हुआ और मालवीय चौक, अंसारी रोड, शहीद बचन सिंह चौक से मदन स्वीट्स होते हुए वापस सोल्जर बोर्ड पहुंचकर समाप्त किया गया। प्रमुख समाजसेवी मनीष चौधरी ने इस शांति मार्च के आयोजन को लेकर कहा कि समाज में जाति और धर्म आधारित वैमनस्यता को छोड़कर मानवता का पालन करना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि राजनीतिक लोगों के प्रभाव में आकर वो अपना भविष्य बर्बाद करने का काम नहीं करें। वो अपने देश और समाज के प्रति जिम्मेदार बनें और भय का वातावरण खत्म करें। आज पूरे देश एवं प्रदेशव्यापी स्तर पर यह शांति मार्च निकालने का उद्देश्य समाज को जोड़कर राष्ट्र के लिए जिम्मेदार बनाना है। किसी भी समाज के लोगों के खिलाफ हिंसा और अत्याचार का समर्थन नहीं होना चाहिए। बांग्लादेश के साथ ही जहां भी हिंसा हो रही है, उसको रोकने के लिए हम संयुक्त राष्ट्र महासभा से हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। हिंदू और मुस्लिम सभी बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के साथ खड़े हैं, यह मार्च इसी बात का साक्षी है।

सामाजिक संस्था के महासचिव फैजुर रहमान ने अपने संदेश में कहा कि जुल्म किसी पर भी नहीं होना चाहिए। हम इसी का विरोध करने के लिए निकले हैं। इस्लाम धर्म में जुल्म करने की कोई पैरवी नहीं है। बात बांग्लादेश की हो या किसी भी देश की हो, जाति और धर्म आधारित हिंसा किसी के भी खिलाफ नहीं है। बांग्लादेश के लोग इस्लाम का शांति का पैगाम देने की पहल करते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें। भूतपूर्व सैनिक सूबेदार ठा. ब्रह्मानंद चौहान ने कहा कि बांग्लादेश में आज जो कुछ भी हो रहा है, वो मानवता के खिलाफ है। किसी समाज के खिलाफ हिंसा नहीं होनी चाहिए। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि वो बांग्लादेश सरकार से सम्पर्क स्थापित करते हुए वहां पर अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे हमलों को बंद कराने का काम करे। इस शांति मार्च में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों ने भारी संख्या में अपनी उपस्थित दर्ज कराई। इसमें मुख्य रूप से पं. ब्रिजेश दूबे, फैजुर रहमान, केपी चौधरी, भूतपूर्व सैनिक ठा. ब्रह्मानंद चौहान, महिपाल सिंह, सुखवीर सिंह, सत्यपाल सिंह, अरूज मेहंदी, डॉ. खुर्रम, जैद, सैयद दिलनवाज, मौहम्मद अशरफ, अजीत कुमार और श्याम भाई आदि मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button