
हल्द्वानी
रिपोर्टर मजहिर खान
..राज्य स्थापना की रजत जयंती पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज हल्द्वानी में भव्य ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की पहचान वीरता और समर्पण से है।हल्द्वानी MBPG कॉलेज प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, वीर नारियाँ और उनके परिजन शामिल हुए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आगमन पर लोगों ने उनका आत्मीय स्वागत किया।

मुख्यमंत्री धामी ने पूर्व सैनिकों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया और कहा, “उत्तराखंड का हर परिवार गर्व से कह सकता है कि उसके घर से कोई न कोई भारत माता की सेवा में समर्पित है।”
उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वास्तव में वीरभूमि है, जहाँ की माटी में राष्ट्रभक्ति और बलिदान की भावना रची-बसी है।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण से जुड़ी कई अहम घोषणाएँ भी कीं
सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन और सुदृढ़ीकरण की घोषणा
हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में सैनिक कल्याण कार्यालयों और आवासीय भवनों के पुनर्निर्माण का कार्य

वीर नारियों को आवास निर्माण के लिए सहायता राशि 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये शहीद सैनिकों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये ,हल्द्वानी में सैनिकों के 150 बच्चों के लिए आधुनिक छात्रावास का निर्माण,मुख्यमंत्री ने कहा, “सैनिक कभी पूर्व सैनिक नहीं होता, वह सदैव सैनिक ही रहता है।”
उन्होंने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और स्वदेशी ब्रह्मोस तथा आकाश मिसाइलें देश की शक्ति का प्रतीक है।
कार्यक्रम में नैनीताल जनपद की 31 और ऊधमसिंह नगर की 13 वीर नारियों को मुख्यमंत्री धामी ने शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी, और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद रहे।
सम्मेलन स्थल पर “जय हिन्द” और “उत्तराखंड मातृभूमि की जय” के नारों से वातावरण गूंज उठा। राज्य स्थापना दिवस का यह आयोजन देशभक्ति और गर्व की भावना से ओतप्रोत नजर आया।
रजत जयंती वर्ष में वीरों को समर्पित यह आयोजन, उत्तराखंड की वीरता और त्याग की परंपरा को एक बार फिर जीवंत कर गया।




