
हरिद्वार ( रण विजय )
जिले के रोशनाबाद, नवोदय नगर और हेत्तमपुर क्षेत्र में अवैध खनन इन दिनों इतना बढ़ चुका है कि स्थानीय लोग इसे “खुलेआम लूट” के रूप में देखने लगे हैं। रात के अंधेरे में नदी किनारों पर माफियाओं का आतंक इस कदर हावी है कि भारी मशीनों की गड़गड़ाहट और ट्रैक्टरों के शोर ने ग्रामीणों की नींद और शांति छीन ली है। हैरानी की बात यह है कि यह पूरा अवैध कारोबार जिला प्रशासन और खनन विभाग की आंखों के ठीक नीचे फल-फूल रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सन्नाटा पसरा है।
रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक चलती ‘रेत लूट’, नदी किनारे बन गया है समानांतर राज
स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम ढलते ही नदी किनारे भारी हलचल शुरू हो जाती है। पहरेदार, ट्रैक्टर–ट्रॉलियां, बग्गियां, टेंपो और मशीनें—सब कुछ मिनटों में एक्टिव हो जाता है।

रोजाना 25–30 ट्रैक्टर,30–35 बग्गियां,कई टेंपो और छोटे वाहन
नदी से रेत निकालकर अवैध बाजार में बेची जा रही है। इतना बड़ा ऑपरेशन बिना बड़े नेटवर्क, स्थानीय संरक्षण और मजबूत सेटिंग के चलना संभव ही नहीं है। ग्रामीण कहते हैं—“यह खनन नहीं, पूरी रात चलने वाली एक अंडरग्राउंड इंडस्ट्री है।”
अधिकारियों के घर और कार्यालय कुछ ही दूरी पर, फिर भी चारों ओर ‘मौन’
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जिस इलाके में यह पूरा अवैध खेल चल रहा है, वहां से कुछ ही किलोमीटर दूरी पर जिले के कई बड़े अधिकारियों के आवास और कार्यालय मौजूद हैं।
इसके बावजूद:न कोई टीम मौके पर पहुँचती हैन कोई छापेमारी होती है,न ही कोई वाहन सीज किए जाते हैं
इसी कारण ग्रामीणों के बीच यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या विभागीय मिलीभगत के बिना इतनी बड़े पैमाने पर अवैध खनन संभव है?
अब क्षेत्रीय लोग खनन विभाग पर गंभीर आरोप भी लगा रहे है उनका कहना है कि “सरंक्षण मिले बिना इतना बड़ा रैकेट नहीं चल सकता”ग्रामीणों का ये भी कहना है कि पिछले कई महीनों से लगातार शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं, लेकिन जवाब में सिर्फ आश्वासन मिलता है, कार्रवाई नहीं। कोई निरीक्षण नहीं, कोई टीम नहीं, कोई रोकथाम नहीं—यह सब विभाग की भूमिका पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।लोगों का आरोप है कि माफिया, ठेकेदारों और विभागीय कर्मचारियों के गठजोड़ ने अवैध खनन को “पूरी तरह सुरक्षित उद्योग” बना दिया है।
यहाँ होने वाले अवैध खनन का रूद्र रूप देख साबित हो जाता है कि हर महीने सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान तो हो ही रहा है साथ ही , पर्यावरण को भी गंभीर खतरा हो रहा है , वहीं नदी के प्राकृतिक प्रवाह और पर्यावरण पर विनाशकारी असर पड़ रहा है।
नदी का तल लगातार बदल रहा है
पानी की धारा कमजोर हो रही है
आसपास की ज़मीन धंसने का खतरा बढ़ रहा है
वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहा है लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
नवोदय नगर, रोशनाबाद और हेत्तमपुर के लोगों ने प्रशासन से कड़ी मांग की है कि:अवैध खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए,रात के समय विशेष निगरानी बढ़ाई जाए ओर दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए, साथ ही क्षेत्र में स्थायी चौकी या पेट्रोलिंग प्वाइंट स्थापित किए जाएं
ग्रामीणों का कहना है—“यह सिर्फ रेत की चोरी नहीं, हमारे इलाके का भविष्य लूटा जा रहा है।” यदि प्रशासन चुप रहा, तो यह अवैध खनन कि बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है, जबकि पहले भी एक बारह वर्षीय मासूम बरसात के समय इन अवैध खनन कि भेट चढ़ चूका है
हरिद्वार में अवैध खनन पर प्रशासन सख्त: जिलाधिकारी ने दिए कड़े आदेश, खनन माफियाओं पर जल्द होगी बड़ी कार्रवाई
हरिद्वार जिले में लगातार बढ़ती अवैध खनन की शिकायतों के बीच प्रशासन अब पूरी तरह सख्त मोड में आ गया है। हरिद्वार जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्पष्ट कहा है कि जिले में किसी भी कीमत पर अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी नियमित रूप से कार्रवाई की जाती रही है और इस बार भी संबंधित विभागों को कड़े निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि जो भी व्यक्ति या गिरोह अवैध तरीके से खनन कर रहे हैं, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। खनन क्षेत्र के अधिकारियों व तहसीलदार को आदेशित किया गया है कि क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर तुरंत प्रभाव से कार्रवाई तेज की जाए। आवश्यकता पड़ने पर दोषियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
वहीं दूसरी ओर उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ओर खनन अधिकारी ने भी प्रशासन की इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कहा कि विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है और भविष्य में इसे और तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी भी क्षेत्र से अवैध खनन की सूचना मिलती है, टीम मौके पर पहुंचकर जरूरी कार्रवाई करती है। इस समय लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और अवैध खनन में शामिल लोगों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी पूरी हो चुकी है।
नवोदय नगर कोंग्रेसी नेता दिनेश पांडेय का कहना है की हम लोग लगातार अवैध खनन के खिलाफ प्रसाशन को जगाने का काम कर रहे है लेकिन दुर्भाग्य की प्रसाशन की जड़ मै अवैध खनन रुकने का नाम नही ले रहा, साथ ही जितने भी ट्रेक्टर ट्राली क्षेत्र मै अवैध खनन को अंजाम दे रहे है उनमे से किसी के ट्रेक्टर पर ना तो नंबर प्लेट होती है ओर ना ही कोई ऐसी पहचान जिससे उनकी व्यक्तिगत पहचान की जा सके, क्षेत्र मै हो रहे अवैध खनन से लोग परेशान भी है ओर भयभीत भी, ना तो प्रसाशन इनके मानकर तय करता है ओर ना ही यहाँ कोई नियमावली तय की गई है, सडके लगातार टूट रही है नदियों का रुख घूमने लगा है. मिट्टी का कटान हो रहा है.. ओर बड़ा दुर्भाग्य की किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नही होती, कार्यवाही अगर होती है तो सिर्फ ओचारिकता के लिये




