
, लालकुआँ
रिपोर्टर -मजहिर खान
रुद्रपुर घने कोहरे के बीच रेलवे ट्रैक और राजमार्गो पर हाथियों की बढ़ती आवाजाही ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है।
इधर तराई केन्द्रीय वन प्रभाग रूद्रपुर डिवीजन की टांडा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी रूप नारायण गौतम ने बताया कि जंगल से सटे रेलवे ट्रैक और राष्ट्रीय राजमार्गों की मुख्य सड़कों पर हाथियों की नियमित आवाजाही देखी जा रही है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी हुई है।

वन क्षेत्राधिकारी के अनुसार, बीते कुछ समय से भोजन और पानी की तलाश में हाथियों के झुंड जंगल से बाहर निकलकर रेलवे ट्रैक और राजमार्गों को पार कर रहे हैं। इसका असर न केवल यातायात व्यवस्था पर पड़ रहा है, बल्कि मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा भी बढ़ गया है। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि रात्रि के समय घने कोहरे के कारण दृश्यता कम होने से हाथियों के अचानक रेलवे ट्रैक और सड़क पर आ जाने की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में रेलवे के लोको पायलट एवं वाहन चालकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी जरूरी है।
गश्ती दल गठित, हर मूवमेंट पर नजर
वही रेजंर रूपनारायण गौतम ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग ने विशेष गश्ती दलों का गठन कर निगरानी बढ़ा दी है। वही रात्रि में भी रेलवे ट्रैक पर वनकर्मी की तैनाती कर दी है। साथ ही हाथियों की आवाजाही वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाए जा रहे हैं तथा संबंधित रेलवे मार्गों पर रेलवे लोको पायलट और राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों से धीमी गति से वाहन चलाने की अपील की जा रही है। हाथियों की सूचना मिलते ही वनकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचकर उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगल की ओर वापस मोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

आमजन से अपील
वही वन क्षेत्राधिकारी ने आम लोगों से अपील की है कि हाथियों को देखकर घबराएं नहीं और न ही उनके पास जाकर फोटो या वीडियो बनाने का प्रयास करें। यदि रेलवे ट्रैक और सड़क पर हाथी दिखाई दें तो वाहन रोककर सुरक्षित दूरी बनाए रखें और तत्काल वन विभाग को सूचना दें। उन्होंने कहना है कि निरंतर सतर्कता, गश्त और जनसहयोग से ही मानव और वन्यजीव—दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।




