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वोट की राजनीति का शिकार बिंदुखत्ता”साढ़े आठ साल में भी राजस्व गांव का दर्जा नहीं, यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार को घेरा। 

लालकुआँ

रिपोर्टर- मजहिर खान

लालकुआँ बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिए जाने की वर्षों पुरानी मांग एक बार फिर सियासी बहस के केंद्र में आ गई है। नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बिंदुखत्ता के लोगों को केवल चुनावी वादों से बहलाया गया, जबकि जमीनी स्तर पर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

यशपाल आर्य ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा हर चुनाव से पहले बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का आश्वासन देकर यहां के लोगों से वोट लेती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे को जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को बने साढ़े आठ वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी बिंदुखत्ता की दशकों पुरानी मांग अधूरी है।

उन्होंने बताया कि राजस्व गांव का दर्जा न मिलने से बिंदुखत्ता के हजारों परिवार, जिनमें बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के परिवार शामिल हैं, आज भी बुनियादी नागरिक सुविधाओं और सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। भूमि से जुड़े अधिकार, प्रमाण पत्र, आवास और विकास योजनाओं का लाभ न मिलना यहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले सार्वजनिक मंचों से बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इतने लंबे समय में सरकार अपने एक भी वादे को पूरा नहीं कर सकी। उन्होंने इसे जनता के साथ विश्वासघात बताया।

यशपाल आर्य ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की सरकार बनते ही बिंदुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिया जाएगा और यहां के निवासियों को उनके वैधानिक अधिकार सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर जनआंदोलन तेज करेगी।

 

 

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