Homeहरिद्वार

जनहित के मुद्दे उठाने वाले जन प्रतिनिधियों पर दबाब डालना कहाँ तक न्यायोचित- हेमा भण्डारी।

हरिद्वार

जन अधिकार पार्टी (जंशक्ति) की राष्ट्रीय महासचिव हेमा भंडारी द्वारा प्रेस वार्ता के माध्यम से कहा गया कि उत्तराखंड की बेटियों के न्याय के लिए संघर्षरत कार्यकर्ताओं, महिलाओं के अधिकार के लिए आवाज उठाने वाले जन प्रतिनिधियों को आपराधिक गतिविधियों का कहना कहाँ तक न्यायोचित है। हेमा भण्डारी ने कहा कि हम अंकिता भंडारी हत्याकांड से जुड़े वायरल ऑडियो विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हैं।

सितंबर 2022 में ऋषिकेश के वनांतर रिसॉर्ट में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की क्रूर हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था। रिसॉर्ट मालिक पुलकित आर्य एवं उसके सहयोगियों को मई 2025 में उम्रकैद की सजा मिली, किंतु मामले के गहरे राजनीतिक संबंधों एवं वीआईपी कनेक्शन की जांच कभी पूरी नहीं हुई। अब लगभग चार पांच दिनों से वायरल हुए ऑडियो तथा वीडियो में पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की तथाकथित पत्नी उर्मिला सनावर द्वारा भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तराखण्ड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम (जिन्हें ‘गट्टू’ कहा गया) एवं आरएसएस प्रचारक अजय कुमार के नाम लिए गए हैं। इस ऑडियो में पूर्व विधायक ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर ने कथित तौर पर हत्या के पीछे भाजपा नेतृत्व की संलिप्तता एवं कवर-अप का जिक्र है।

आज (27 दिसंबर 2025) भाजपा नेता दुष्यंत गौतम ने आरोपों का खंडन करते हुए गृह सचिव को पत्र लिखकर सोशल मीडिया से सामग्री हटाने एवं मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी है। जिसमें हेमा भण्डारी के साथ अनेको मिडिया संस्थानों के नाम है। जबकि ऑडियो में पूर्व विधायक ज्वालापुर सुरेश राठौर की आवाज है उनका नाम लिस्ट में नहीं हैऔर अभी तक उनकी कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है।

हेमा भण्डारी ने कहा कि ऑडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। यह पत्र राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश है और वी आई पी के मुद्दे को भटकाने का प्रयास है।

जन अधिकार पार्टी जनशक्ति इन आरोपों को खारिज करती है एवं निम्नलिखित मांगें दोहराती है:

1. ऑडियो की उत्तराखंड फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) या केंद्रीय फॉरेंसिक लैब में वॉयस एनालिसिस एवं एआई जेनरेशन की जांच कराई जाए।

2. सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन हो, जिसमें नार्को/पॉलीग्राफ टेस्ट (स्वैच्छिक सहमति पर) शामिल हो। सीबीआई जांच के बजाय एसआईटी अधिक त्वरित एवं निष्पक्ष होगी।

3. सोशल मीडिया सामग्री हटाने के आदेश दिए बिना पहले जांच पूरी हो। भाजपा की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ मुहिम का पाखंड उजागर हो रहा है – उत्तराखंड सरकार जवाबदेह बने।

4. ऑडियो में जो नाम है उनके नार्को टेस्ट हो जिन्हे लाइव दिखाया जाए ताकि उत्तराखंड की जनता सत्यता को जान सके।

उन्होंने कहा कि अंकिता भंडारी का परिवार वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहा है। यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि महिलाओं के खिलाफ सत्ता संरक्षित अपराधों का प्रतीक है। जन अधिकार पार्टी जनशक्ति के सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर उत्तराखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करने एवं गढ़वाल में शांतिपूर्ण विरोध की तैयारी कर रहे हैं। यदि मांगें पूरी न हुईं, तो आंदोलन तेज होगा।

प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट अभिषेक बहुगुणा, प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ अरिंदम, जिला प्रभारी फैज़ान अंसारी, जिलाध्यक्ष आलिम अंसारी, युवा जिलाध्यक्ष विजेंद्र चौधरी, अध्यक्ष सावेद, जिला सचिव जावेद, इकराम अंसारी, सुनीता साहनी, युवा नेता अमन जैन आदि कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।

Related Articles

Back to top button