करीब 52 हजार रुपए की कीमत का नकली पनीर किया नष्ट।
मुजफ्फरनगर
क्रान्ति बुलेटिन ब्यूरो
मुजफ्फरनगर। शहर में मिलावटखोरी के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक पनीर निर्माण इकाई पर छापा मारते हुए बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। जांच के दौरान सामने आया कि दिलशाद मिल्क यूनिट में पनीर बनाने के लिए प्रतिबंधित रिफाइंड पॉमोलिन ऑयल का उपयोग किया जा रहा था। यह तेल खाद्य मानकों के अनुसार हानिकारक है और इसे दुग्ध उत्पादों में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है।सहायक आयुक्त खाद्य अर्चना धीरान और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार मिश्र के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम ने दिलशाद मिल्क यूनिट पर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान टीम को पॉमोलिन ऑयल के खाली डिब्बे मिले। पूछताछ पर यूनिट संचालक दिलशाद ने स्वीकार किया कि वह इसी तेल का इस्तेमाल पनीर निर्माण में कर रहा था।टीम ने मौके पर मौजूद लगभग 200 किलो पनीर, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत 52 हजार रुपये थी, को नियमों के तहत नष्ट कर दिया और पनीर का विधिक नमूना जांच के लिए संग्रहित किया। नमूने को खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया है और रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।इसी कार्रवाई के दौरान टीम ने आनंदपुरी क्षेत्र में स्थित त्यागी एक्सपेलर से सरसों के तेल का एक और नमूना भी जांच के लिए एकत्र किया, जिसे लखनऊ की खाद्य प्रयोगशाला में भेजा गया है। इस छापेमारी में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुनील कुमार और मनोज कुमार भी शामिल रहे। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी भी प्रकार की मिलावट या संदिग्ध खाद्य सामग्री की जानकारी मिले तो तुरंत विभाग को सूचित करें। विभाग का कहना है कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए इस तरह की छापेमारी और निगरानी भविष्य में भी लगातार जारी रहेगी।





