Homeहरिद्वार

विश्वकर्मा समाज होने लगा भाजपा से नाराज।

विश्वकर्मा धीमान समाज होने लगा भाजपा से नाराज 12 साल में भी नहीं बना विश्वकर्मा द्वार ना हुआ विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड का गठन।

पथरी हरिद्वार

उत्तराखंड में भाजपा सरकार द्वारा विश्वकर्मा धीमान समाज के प्रति दिखाई जा रही उदासीनता की वजह से विश्वकर्मा धीमान समाज मे दिखाई ना देने वाला आक्रोश पनप रहा है शिक्षा की बदौलत इस समाज में आई जागरूकता खुद विश्वकर्मा समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले समाजसेबियों पर लोगों के सवाल भारी पड़ रहे हैं जिन्हें सुनकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि भले ही अब तक विश्वकर्मा समाज 99% भाजपा का ही समर्थन करता आ रहा है मगर समाज के बीच से उठते सवाल भाजपा के पैरोंकारो को निरुत्तर कर रहे हैं ।

 

27 अप्रैल को निरंजनपुर में आयोजित विश्वकर्मा महासंघ की बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई जिसमें मुख्य रूप से 12 साल पहले क्षेत्रीय विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने शाहपुर भोगपुर मार्ग पर विश्वकर्मा द्वार बनाए जाने के लिए उद्घाटन किया था मगर मामला नारियल फोड़ने और लड्डू बांटने तक ही सीमट कर रह गया वह द्वार आज तक नहीं बना जबकि अन्य द्वारों का उद्घाटन बाद में हुआ और पूरे भी हो गए तो वहीं दूसरी तरफ रुड़की मे मुख्य रूप से प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित करने  वाली संस्था के संयोजक डॉ कुलदीप सूर्यवंशी और अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर धीमान और इसी संगठन के यूथ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री विश्वकर्मा प्राचीन मंदिर समिति सती घाट कनखल के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्पराज धीमान ने भी झारखंड मध्य प्रदेश आदि राज्यों की तरह उत्तराखंड में भी विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के गठन की मांग उठाई थी लेकिन सरकार ने इस तरफ भी कोई ध्यान नहीं दिया कुंभ जैसे महापर्व के दौरान यूं तो तमाम महापुरुषों के फोटो पेंटिंग प्रकाशित हुई लेकिन सृष्टि के निर्माता और सृष्टि को कर्म के सूत्र में बांधने वाले जिनकी संसार मे प्रत्येक वर्ग के लोग पूजा करते हैं उन भगवान विश्वकर्मा की फोटो तक से परहेज किया गया तो वहीं राजनीतिक क्षेत्र मे भी विश्वकर्मा धीमान समाज की उपेक्षा का सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि विधायक प्रत्याशी बनाना तो बहुत दूर की बात हाल ही के  चुनाव में लक्सर को छोड़कर किसी भी नगर पंचायत नगर निगम में अध्यक्ष का प्रत्याशी बनाना तो दूर पार्षद पद के लिए भी  उचित नहीं समझा गया जबकि लक्सर झबरेड़ा ढंडेरा लडोरा भगवानपुर आदि नगर पंचायत और हरिद्वार रुड़की जैसे नगर निगम क्षेत्र में विश्वकर्मा धीमान समाज के वोटर की संख्या 50000 के पार है विश्वकर्मा मार्ग या हरिद्वार में विश्वकर्मा चौक बनाए जाने जैसी छोटी सी मांग भी पूरी नहीं हुई जबकि पूर्व की कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विश्वकर्मा समाज को सम्मान देते हुए हरिद्वार में विश्वकर्मा सेतु और देहरादून में योजना भवन को विश्वकर्मा भवन का नाम दिया था उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड विश्वकर्मा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन धीमान ने भी भाजपा पर विश्वकर्मा समाज को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया तो वही अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर धीमान ने कहा उत्तराखंड में विश्वकर्मा समाज को दो कैटेगरी में बांटा हुआ है पर्वतीय विश्वकर्मा समाज को शिल्पकार अनुसूचित जाति में रखा गया है तो मैदानी विश्वकर्मा धीमान समाज को पिछड़ी जाति में शामिल किया हुआ है जबकि मैदानी विश्वकर्मा समाज को भी शिल्पकार जाती में दर्ज करते हुए समाज के मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत है यह मांग भी आए तक पूरी नहीं हुई।

Related Articles

Back to top button