
लालकुआ
रिपोर्टर- मजहिर खान
लालकुआं प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त पड़ी हैं और पहाड़ी जिलों में तो स्वास्थ्य का पूरा सिस्टम खुद वेंटिलेटर पर है यह तीखा बयान आज लालकुआँ विधानसभा क्षेत्र के युवा काग्रेंस नेता एंव किसान काग्रेंस के प्रदेश महासचिव हेमवती नन्दन दुर्गापाल ने हाईकोर्ट द्वारा प्रदेश सरकार को भवाली सेनिटोरियम में मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल का प्रस्ताव 1 दिसंबर तक जमा करने के दिए गए निर्देश को लेकर दिया। उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय ने कड़ी फटकार और निर्देश देकर प्रदेश की भाजपा सरकार को आईना दिखाया है।

उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खस्ताहाल हैं। सरकार की दुर्भावना और बदनियती के चलते ही उत्तराखण्ड में मरीज जांच, इलाज और दवा के अभाव में बे-मौत मरने मजबूर हैं।सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं पहाड़ों में समय पर एम्बुलेंस की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही है। सिटी स्कैन, एम आर आई, सोनोग्राफी, एक्स रे और खून पेशाब की जांच के लिए मरीज भटक रहे हैं। गरीब मरीजों प्राइवेट लबों पर जांच करने के लिए मजबूर होना पड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खुद आइसीयू में हैं। उन्होंने कहा कि लालकुआँ जैसे क्षेत्र में जब स्वास्थ्य सेवाएं ढर्रे पर नहीं हैं, तो दूर दराज और पहाड़ी क्षेत्रों के क्या हाल होंगे इसकी कल्पना करना ही मुश्किल है।
आज हाईकोर्ट ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल कर रख दी है। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश पर्वतीय जिलों के जिला हॉस्पिटलों में न्यूरो, कार्डियक और ऑर्थो के सर्जन नहीं है।लालकुआँ में बना 200 बैड का अस्पताल सफेद हाथी बनकर रहे गया है। पहाड़ के अस्पताल सिर्फ रेफरल सेंटर बन कर रह गए हैं पहाड़ों में ना तो डॉक्टर हैं ना दवाएं और ध्वस्त पड़ी स्वास्थ्य सेवाएं पलायन का एक मुख्य कारण है।उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दावे बड़े बड़े करती हैं पर जमीन पर स्वास्थ सेवाओं की हकीकत भयावह हैं। उन्होंने कहा कि आज राज्य में सरकार ने शिक्षा स्वास्थ्य जैसे जनता के मौलिक व आवश्यक जरूरतों के विषयों को त्याग कर अपना सारा ध्यान आबकारी व खनन के क्षेत्रों में केंद्रित कर दया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नही दिया तो कांग्रेस पार्टी उग्र आन्दोलन को बाध्य होगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।




