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तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत गौला रेंज स्थित खनन गेटों का स्थलीय किया निरीक्षण ।

हल्द्वानी नैनीताल

रिपोर्टर मजहिर खान

वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त, डा0 साकेत बड़ोला द्वारा दिनाक 13.09.2025 को तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी के अन्तर्गत गौला नदी के खनन क्षेेत्रों एवं वन क्षेत्रों के निरीक्षण विषयक।

वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त, डा. साकेत बड़ोला द्वारा आज तराई पूर्वी वन प्रभाग के अंतर्गत गौला रेंज स्थित खनन गेटों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने इंद्रा नगर खनन गेट का निरीक्षण करते हुए आगामी खनन सत्र की तैयारियों की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा वन संरक्षक महोदय को अवगत कराया गया कि गौला नदी में उपखनिज चुगान कार्य में लगभग एक से डेढ़ लाख लोग जुड़े हैं तथा 7531 पंजीकृत वाहनों द्वारा चुगान कार्य 14 उपखनिज निकासी (वाहन/बुग्गी) गेटों से किया जाता है। विगत खनन सत्र 2024-25 में प्राप्त खनन लक्ष्य को पूर्ण करते हुए गौला नदी से कुल 39.27 लाख घ0मी0 उपखनिज चुगान के फलस्वरूप 50.45 करोड़ का राजस्व विभाग को प्राप्त हुआ। वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त द्वारा गौला नदी में उखनिज चुगान कार्य स्थानीय तथा अन्य जनमानस की आजीविका एवं रोजगार से प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होने के कारण गौला खनन कार्य को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताते हुए नियमानुसार सर्वेक्षण एवं सीमांकन सम्बन्धी कार्य जैसे रैंम्प, रोड तथा पिलर निर्माण/मरम्मत आदि कार्याे को समयबद्ध रूप से खनन सत्र से पूर्व पूर्ण तैयारी से किए जाने हेतु प्रभागीय वनाधिकारी तथा अधीनस्थों को निर्देशित किया गया। यह भी निर्देशित किया गया कि भारत सरकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रदत्त चुगान अनुमति की अधिरोपित शर्ताे के अनुपालन करते हुए चुगान कार्य का संचालन नियत चुगान अवधि के अंतर्गत प्रारम्भ किया जाय तथा वन विकास निगम से समन्वय कर खनन गतिविधियों में पारदर्शिता एवं नियमित निगरानी करते हुए और अधिक सुदृढ़ता लायी जाय। उनके द्वारा इससे संबंधित सर्वे और सीमांकन से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित किए जाने के भी निर्देश मौके पर दिए गए ।

वन संरक्षक द्वारा विगत दो-तीन वर्षों में गौला नदी में आई बाढ़ एवं आपदाओं के फलस्वरूप वन क्षेत्र में तीव्र भू-कटाव तथा वन संपदा को निरंतर हानि को दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने प्रभागीय वनाधिकारी को निर्देशित किया कि नदी तटों पर भू-कटाव रोकने हेतु रीवर ट्रेनिंग (त्पअमत ज्तंपदपदह) कार्यों का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर उच्च स्तर को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया जाए। इससे तटीय भू-भाग की रक्षा एवं वन संपदा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

उपरोक्त के उपरांत वन संरक्षक महोदय ने प्रस्तावित हलद्वानी जू एण्ड सफारी हल्द्वानी स्थल का भी दौरा किया। उन्होंने प्रस्तावित हल्द्वानी जू एण्ड सफारी हल्द्वानी के मास्टर ले-आउट प्लान तथा कार्यदायी संस्था द्वारा उत्तराखण्ड शासन को उपलब्ध करायी गयी पी0पी0आर0 एवं प्रस्तुतीकरण तथा केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त स्वीकृतियों का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि प्रस्तावित हलद्वानी जू एण्ड सफारी हल्द्वानी भविष्य में वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनेगा तथा इससे स्थानीय स्तर पर इको-पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। इस अवसर पर वन संरक्षक महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि 17 सितम्बर 2025 से 2 अक्टूबर 2025 तक वन विभाग द्वारा विशेष अभियान “स्वच्छता ही सेवा” संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत तराई पूर्वी वन प्रभाग के सभी क्षेत्रों में सफाई अभियान, प्लास्टिक अपशिष्ट संग्रहण, वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा स्थानीय जनता एवं विद्यालय/महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की भागीदारी के साथ जागरूकता गतिविधियां आयोजित किये जाने के निर्देश देते हुए हल्द्वानी जू परिसर में इस अभियान के तहत वृक्षारोपण किये जाने के निर्देश सम्बन्धितों को दिये गये।

तदोपरान्त वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त द्वारा किशनपुर रेंज तथा रनसाली रेंज के वन क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। रनसाली रेंज के अन्तर्गत कड़ापानी खनन गेट का निरीक्षण करते हुए उन्होंने नन्धौर नदी में चुगान सत्र से पूर्व सर्वे, सीमांकन एवं सुरक्षा सम्बन्धी कार्यो को नियमानुसार नियत समयावधि के अन्तर्गत पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये।

निरीक्षण के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी, श्री हिमांशु बागरी, उप प्रभागीय वनाधिकारी गौला, श्री अनिल जोशी, वन क्षेत्राधिकारी गौला श्री चन्दन सिंह अधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी किशनपुर श्री घनानन्द चनियाल तथा वन क्षेत्राधिकारी रनसाली श्री महेन्द्र सिंह रैकुनी सहित समस्त अधीनस्थ वन कर्मी उपस्थित रहे।

 

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