अन्तर्राष्ट्रीय मानवअधिकार दिवस के अवसर पर श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ, के सभागार में सेमीनार का आयोजन हुआ।
मुजफ्फरनगर
क्रान्ति बुलेटिन (शरद शर्मा)
मुजफ्फरनगर। ‘अन्तर्राष्ट्रीय मानवअधिकार दिवस ’ के अवसर पर श्रीराम कॉलेज ऑफ लॉ, मुजफ्फरनगर के सभागार में एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय था, ’’आधुनिक भारत में बुनियादी मानवाधिकारों को समझना’’ इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार, पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बैंच उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ0 एस0सी0कुलश्रेष्ठ, चेयरमैन, श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज,मुजफ्फरनगर द्वारा की गयी तथा डॉ0 रविन्द्र प्रताप सिंह, डारेक्टर रिसर्च व प्राचार्य चौ0 हरचन्द सिंह महाविद्यालय, खुर्जा विशिष्ट अतिथि के रूप में रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन तथा अतिथियों को पुष्प गुच्छ द्वारा स्वागत करके किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए महाविद्यालय की प्रवक्ता आंचल अग्रवाल ने कहा कि मुनष्य एक शिशु के रूप में जन्म लेता है और फिर जन्म लेते ही गरिमामय जीवन जीने का अधिकार प्राकृतिक रूप से मिल जाता है। किसी भी मानव प्राणी के साथ धर्म भाषा के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता। संयुक्तराष्ट्र संघ द्वारा 10 दिसम्बर 1948 को ‘‘मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा’’ की गई, जिस कारण यह दिवस प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्रवक्ताओं तथा एल0एल0बी,बी0ए0एल0एल0बी0 तथा बी0काम0एल0एल0बी0 के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। सेमीनार में छात्र-छात्राओं द्वारा मानव अधिकार के विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। प्रतिभाग कर रहे छात्र-छात्राओं में छात्रा वंश त्यागी, अरीबा आमिर, अक्षिता वर्णवाल, ह्रदया कटारिया, श्रेया राजपूत, अकबर रेहान, हुरैन खान, मेघा, मुस्कान वशिष्ट, सानिया शमशेर, गुलफ्शा ने मानव अधिकारों के विभिन्न आयामों से अवगत कराया।
मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति वीरेन्द्र कुमार, पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बैंच ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सभ्य समाज में मानवअधिकार व्यक्तित्व के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, यह सामाजिक जीवन की वह स्थित है जिसके बिना व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकता। यह व्यक्ति के लिए अच्छा जीवन जीने के लिए मौलिक आवश्यकता है। सेमिनार के अध्यक्ष डॉ0 एस0सी0कुलश्रेष्ठ, चेयरमैन, श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेजेज ने कहा कि मानव अधिकार को समझने की पहली आवश्यकता स्वयं हमारे लिए हैं, एक राष्ट्र का नागरिक होने के नाते हमें उन अधिकारों की समझ हो जिनके हम अधिकारी हैं। यही स्थिति हमें अधिकारों का प्रयोग करने तथा किसी भी शोषण के खिलाफ लड़ने में सहायता मिलेगी। इस अवसर पर डॉ0 रविन्द्र प्रताप सिंह, डारेक्टर रिसर्च व प्राचार्य चौ0 हरचन्द सिंह महाविद्यालय, खुर्जा विशिष्ट अतिथि ने अपने विचारों में कहा कि मानवअधिकारों की बात केवल अधिकारों की ही नहीं है, बल्कि कर्त्वयों की भी है। हमें अपने अधिकारों का प्रयोग अन्य व्यक्तियों की स्वतन्त्रता का सम्मान करते हुए करना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की प्रवक्ता आंचल अग्रवाल ने किया। महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ0 पूनम शर्मा ने आये हुए समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी प्रवक्तागण संजीव कुमार, सोनिया गौड़, आंचल अग्रवाल, राममनू प्रताप सिंह, आकांक्षा त्यागी, डॉ0 हीना गुप्ता, अमितोस कुमार, मिनी सिंघल, रितु धीमान, विनय तिवारी, प्रीती चौधरी व त्रिलोकचन्द का सहयोग रहा।




