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रामनगर पुछड़ी में वन भूमि से अतिक्रमण पर बड़ी कार्रवाई, 52 अवैध स्ट्रक्चर ध्वस्त।

प्रशासन बोला: पूरी प्रक्रिया नियमों के तहत,पीड़ितों ने रोते बिलखते हुए कहाँ अब हम कहाँ जायें.

रामनगर नैनीताल

रिपोर्टर -मजहिर खान

-नैनीताल जिले के रामनगर के पुछड़ी क्षेत्र में आरक्षित वन भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर आज बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई। वन विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच 52 अवैध स्ट्रक्चर को ध्वस्त कर दिया। पूरे अभियान के दौरान क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात रहा और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही।

मौके पर मौजूद एडीएम विवेक राय ने जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत की गई है। उन्होंने कहा कि सभी अतिक्रमणकर्ताओं को पहले ही नोटिस जारी किए गए थे, उन्हें अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया गया, और पूर्ण सुनवाई के बाद ही निष्कासन की कार्रवाई की गई।

एडीएम ने बताया कि प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को 9 सेक्टरों में बांटा था, जहां अलग-अलग सेक्टर मजिस्ट्रेट और कार्यपालक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। आउट एरिया में एक सुपर जोन बनाया गया था और पूरे अभियान की ओवरऑल लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी एक एडीएम स्तर के अधिकारी को सौंपी गई थी। पुलिस की पर्याप्त तैनाती के कारण किसी भी तरह की कोई अप्रिय स्थिति उत्पन्न नहीं हुई।

उन्होंने स्पष्ट किया कि अतिक्रमण हटाने की पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई है। न तो किसी प्रकार का तनाव बना, न ही शांति भंग की कोई घटना हुई। अधिकांश लोग पहले से ही तैयार थे, क्योंकि उन्हें पूर्व में सूचना दी जा चुकी थी। जिनके स्ट्रक्चर हटाए गए, उनमें से कई लोग पहले ही अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर चुके थे।

हालांकि, कार्रवाई के दौरान कई परिवारों को रोते-बिलखते हुए भी देखा गया। पीड़ितों का कहना है कि उन्होंने यह जमीन 2 से 3 लाख रुपये में रामनगर के एक डॉक्टर ताहिर और एक पत्रकार से खरीदी थी,कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें भरोसा दिलाया गया था कि जमीन वैध है, जबकि अब उन्हें बेघर कर दिया गया।

एक पीड़ित महिला सीमा ने भावुक होते हुए कहा,अब हमारे पास रहने के लिए कुछ नहीं बचा है। मैं अकेली कमाने वाली हूं, पति बीमार हैं, पैसे नहीं है,अब बच्चों को लेकर कहां जाऊं?”

एक अन्य पीड़ित ने कहा,

जब हम निर्माण कर रहे थे तब सब देख रहे थे, उस वक्त किसी ने कुछ नहीं कहा। अगर तब रोक दिया जाता तो आज हम सड़क पर न होते।”

पीड़ितों ने कुछ लोगों पर जमीन बेचने और वन विभाग के कुछ कर्मचारियों पर कथित रूप से पैसे लेने तक के आरोप लगाए हैं।

इस पर एडीएम विवेक राय ने साफ कहा कि जिन लोगों ने अवैध तरीके से जमीन बेची है, उनकी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं तराई पश्चिम रामनगर के डीएफओ प्रकाश आर्य ने बताया कि अपर कोसी ब्लॉक क्षेत्र में कुल 170 परिवारों को बेदखली के आदेश जारी किए गए थे। इनमें से कई परिवार पहले ही स्वेच्छा से अपना कब्जा छोड़ चुके हैं। शेष में कुछ परिवारों के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, जिन पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आज केवल 52 परिवारों के अवैध स्ट्रक्चर को हटाया गया है।

पूरे अभियान के दौरान ड्रोन कैमरों और वीडियोग्राफी के जरिए निगरानी की गई।

 

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