
ज्वालापुर हरिद्वार ( राजेश वर्मा )
अवैध खनन व रेत बजरी स्टॉक करने वालों के क्यों हैं हौसले बुलंद? जरा सोचिए क्योंकि अवैध खनन करने वाले सरेआम रानीपुर झाल में बुगियां से खनन करते हैं उनके पीछे रेत बजरी स्टॉक करने वाले का पूरा हाथ होता हैं और रेत बजरी के विक्रेताओ के ऊपर नेताओ व अधिकारियों की छत्रछाया रहती है, जिस कारण वह खुलेआम रानीपुर झाल की सुखी नदी से खनन करते हैं। गत दिनों थाना रानीपुर ने बुग्गियो को पकड़कर 250 रूपए प्रति बग्गी के हिसाब से जुर्माना लगाया और उन्हे सीज भी कर दिया फिर भी उन्हें कोई असर नहीं हुआ। वह अब भी सुबह 4:00 बजे से 8:00 तक दर्जनों बुगियां से रानीपुर झाल की सूखी नदी से रेत का खनन करते है। स्थानीय लोगों का कहना है यदि इसी तरह नदी से खनन होता रहा तो बरसात के दिनों में हमारे मकानों को खतरा बना रहेगा । प्रशासन को इनके विरुद्ध सख्ती से खनन माफिया पर क्यों नही कार्रवाई करती?

अवैध रेत ,बजरी के स्टॉक करने वाले प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड सरकार को राजस्व का लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं ।
आपको बता दें बाल्मीकि बस्ती सुभाष नगर के आसपास ज्वालापुर ईदगाह रोड व त्रिमूर्ति नगर में लगभग दर्जन से ज्यादा अवैध रेत, बजरी के स्टॉक करने वालों ने खाली प्लाटो को किराए पर ले रखा है और बिना लाइसेंस के रेत बजरी के स्टॉक बना हुए हैं। यह रेत बजरी, क्रेशर आदि बेचने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि प्रशासन का भी उन्हें कोई डर नहीं है। ऊपर तक सेटिंग होने के कारण इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । यह गोरख धंधा सरेआम फल फूल रहा है, प्रशासन भी इनकी और कोई ध्यान नहीं दे रहा है । यहां तक की सड़कों के किनारे अपना रेत, बजरी डालकर और ईंट का झट्टा लगाकर बेच रहे हैं । हवा चलने से रेत उड़ती है और आसपास के व सड़क पर चलने वाले के आंखों में पड़ती है जिससे लोग बड़े परेशान हैं।
आपको बता दें कि रेत, बजरी स्टॉक के विक्रेता रानी पुर झाल की सूखी नदी से बुगियो से सरेआम अवैध खनन करते दिखाई देंगे। सुखी नदी के रेत को गंगा नदी के रेत में और कोर्ससंड में मिलाकर बेचते हैं । यह लोगों को भी लूटने का काम कर रहे हैं । जरा सोचिए इनके द्वारा खरीदे गए रेत बजरी से बने मकान कितने दिन चलेंगे।

आपको बता दे कि यह रेत बजरी बेचने वाले आबादी वाले क्षेत्र में डंपर , ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग करते हैं और ओवरलोडिंग डंपर , ट्रैक्टर ट्रॉली के आने जाने से कोई भी दुर्घटना घट सकती है यदि इस क्षेत्र में दुर्घटना घटती है तो उसका जिमेदार कौन होगा यह भी एक सोचने का विषय है।
बाल्मीकि बस्ती रोड पर दो बैकंट हाल बने हुए हैं जब किसी की शादी होती है तो उन्हें भी इनसे झूझना पडता है।




