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अवैध खनन करने वालों पर प्रशासन क्यों है मेहरबान ?

रेत बजरी बेचने वाले आबादी वाले क्षेत्र में डंपर , ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग करते हैं और ओवरलोडिंग डंपर , ट्रैक्टर ट्रॉली के आने जाने से कोई भी दुर्घटना घट सकती है यदि इस क्षेत्र में दुर्घटना घटती है तो उसका जिमेदार कौन होगा यह भी एक सोचने का विषय है।

ज्वालापुर हरिद्वार ( राजेश वर्मा )

अवैध खनन करने वालों के हौसले क्यों हैं बुलंद? जरा सोचिए क्योंकि अवैध खनन करने वाले सरेआम खनन करते हैं , यह सभी जानकारी अधिकारियों को होती है फिर भी अधिकारी अनदेखी कर इन पर इतने मेहरबान क्यों है? यह एक सोचने का विषय है । इससे साफ जाहिर होता है कि प्रशासन के कुछ अधिकारी इसने मिले हुए हैं, जिससे उनके हौसले इतने बुलंद हैं कि यह रानीपुर झाल से बुगियां से सरेआम खनन करते हुए दिखाई देते हैं।

अवैध रेत ,बजरी के स्टॉक करने वाले प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड सरकार को राजस्व का लाखों रुपए का चूना लगा रहे हैं ।

आपको बता दें बाल्मीकि बस्ती सुभाष नगर के आसपास ज्वालापुर ईदगाह रोड व त्रिमूर्ति नगर में लगभग दर्जन से ज्यादा अवैध रेत, बजरी के स्टॉक करने वालों ने खाली प्लाटो को किराए पर ले रखा है और बिना लाइसेंस के रेत बजरी के स्टॉक बना रखे हैं। यह रेत बजरी, क्रेशर आदि बेचने वालों के हौसले इतने बुलंद है कि प्रशासन का भी उन्हें कोई डर नहीं है। ऊपर तक सेटिंग होने के कारण इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता । यह गोरख धंधा सरेआम फल फूल रहा है, प्रशासन भी इनकी और कोई ध्यान नहीं दे रहा है । यहां तक की सड़कों के किनारे अपना रेत, बजरी डालकर और ईंट का झटा लगाकर बेच रहे हैं । हवा चलने से रेत उड़ती है और आसपास के व सड़क पर चलने वाले के आंखों में पड़ती है जिससे लोग बड़े परेशान हैं।

आपको बता दें कि रेत, बजरी स्टॉक के विक्रेता रानी पुर झाल की सूखी नदी से बुगियो से सरेआम अवैध खनन करते दिखाई देंगे। सुखी नदी के रेत को गंगा नदी के रेत में और कोर्ससंड में मिलाकर बेचते हैं । यह लोगों को भी लूटने का काम कर रहे हैं । जरा सोचिए इनके द्वारा खरीदे गए रेत बजरी से बने मकान कितने दिन चलेंगे।

आपको बता दे कि यह रेत बजरी बेचने वाले आबादी वाले क्षेत्र में डंपर , ट्रैक्टर ट्राली का प्रयोग करते हैं और ओवरलोडिंग डंपर , ट्रैक्टर ट्रॉली के आने जाने से कोई भी दुर्घटना घट सकती है यदि इस क्षेत्र में दुर्घटना घटती है तो उसका जिमेदार कौन होगा यह भी एक सोचने का विषय है।

बाल्मीकि बस्ती रोड पर दो बैकंट हाल बने हुए हैं जब किसी की शादी होती है तो उन्हें भी इनसे झूझना पडता है।

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