पथरी हरिद्वार नौशाद अली
हजरत शाह मोहम्मद शाह उर्फ काठा मेला यह मेला 856 वर्षों से लगता आ रहा है यह थाना पथरी क्षेत्र के जंगल में है जहाँ हजरत शाह मोहम्मद शाह की दरगाह है इस मेले में सभी धर्म के लोग अपनी मन्नतें लेकर चादर गुड़ की भेली नमक चढाते हैं प्रार्थना करते व दुआ मांगते हैं
इस मेले का आये वर्ष ठेका होता है ठेकेदार द्वारा मेले में हर जरूरत की चीज को पूरा किया जाता है और हर तरह की सुविधा को उपलब्ध कराया जाता है लेकिन जो वादे ठेका लेते समय किये जाते है धरातल पर पुरे नही किये जाते है फिर ठेकेदार अपनी मनमर्जी कर दूरदराज से मोटा किराया देकर मेले में आये दुकानदारों से अच्छी खासी रकम खसोटी जाती है
(दूकानदारों की घर वापसी)
कई दुकानदारों से बात करने पर दुकानदारों ने बताया कि पिछले वर्ष डेढ़ सौ से दोसौ रूपये फुट के हिसाब से दुकान लगाने की जगह दी जाती थी लेकिन इस बार पांच सौ रूपये से लेकर एक हजार रुपये फुट मे दुकान की जगह दी जा रही है जिससे हम लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इस स्थिति को देखते हुए तो कुछ दूकान लगाने वालों ने घर वापसी करली
(मेले में भारी तादाद में कहा से आया सस्ते गल्ले की दुकान पर बिकने वाला आयोडीन नमक)
अगर नमक को लेकर धांधली नहीं थी तो ठियो पर लगे सजे इस नमक क्यो हटवाया गया ।

मेले में जगह जगह बिक रहे इस नमक की पड़ताल सूरू की गई तो बेचने वालों ने ठेकेदार का हवाला देते हुए बताया कि यह सब ठेकेदार के द्वारा ही कम दामो पर उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसकी कीमत हमसे 6 रूपये प्रति पेकेट ली जा रही है और हम आगे जयरिन लोगो को 10 रूपये मे बेच रहे है ,जब इस नमक के मामले को उठाया गया तो 1 घंटे के अंदर नमक को सभी ठेलियो ठियो से हटवा दिया गया ।
चिकन व शीरे वाली गुड की भेली पर मेले में भेचने पर था प्रतिबंध

जगह-जगह बिकती रही शीरे वाली गुड की भेली इसे आस्था से खिलवाड़ कहे या फिर ठेकेदार की मनमानी बेचने वालों ने बताया कि यह भी ठेकेदार द्वारा हम लोगों को दी जा रही है जो कि खाने के लायक नहीं होती इतनी थर्ड क्वालिटी होती है, इस गुड की भेली की ।
अब सोचने वाली बात यह है कि जिस भेली को लोग नहीं खा सकते वह हजरत शाह मोहम्मद शाह की दरगाह पर चढ़ाई जा रही है जिसे लोग तबर्रूक और प्रसाद के रूप में चढ़ाते और देते हैं

मेला ठेकेदार डायरेक्टर वरीस अहमद वरिष्ठ समाजसेवी ने मजावर के सज्जादों और खादिमो पर लगाए गंभीर आरोप
हजरत शाह मोहम्मद शाह राहमतल्ला अले. दरगाह पर खिदमत करने वाले खादिमों और सज्जादों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि यह सियासिदल के लोग मुझ मरवाना चाहते है। उन्होंने बताया कि मे 300 करोड़ का मालिक हूं मेरा यह लोग कुछ नहीं बिगाड़ सकते पत्रकारों के पूछने पर उन्होंने बताया कि यही दरगाह में काम करने वाले लोग मेरे पीछे पड़े हुए हैं जो के फर्जी खादिम है ।

मेंले ठेकेदार डायरेक्टर वरीस अहमद ने प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि कुछ पत्रकार बिना डिप्लोमा बिना मास्क कम्युनिकेशन वाले पत्रकार जिनके पास कोई डिग्री नहीं है डिप्लोमा नहीं है और कहीं भी वो रजिस्टर्ड नहीं है और जो रजिस्टर्ड पत्रकार है वही हमारी खबर को चलाते हैं अगर पत्रकार की बात करें तो सही खबर को उठाकर प्रकाशित करना और चलाऐ तो वह डिप्लोमा वाले नहीं और रजिस्टर्ड नहीं होते जो पत्रकार जनहित की खबरों को ना चलाऐ और समस्याओं को उजागर न करें तो वह पत्रकार डिप्लोमा वाले और मास कम्युनिकेशन वाले होते है ।
आपको बताते चले कि अगर अच्छा क्वालिटी का गुड था तो 25 पेटी देहरादून से लाकर दुकानदारों देने की बात क्यों कही गई जब भेली के मामले को लेकर मेले में खबर उठाई जा रही थी , खबर उठाने के बाद यह बड़ा हंगामा हुआ कि इन भेलीयो को हटाकर दूसरी भेलीयो को रखा जाए अगर पहले से ही अच्छी क्वालिटी की भेलीया होती तो शायद यह फेर बदल ना करना पड़ता , दुकानदारों का आरोप ठेकेदारों पर, ठेकेदारों का आरोप खादिमों पर , लेकिन यहां अपना पल्ला झाड़ते हुए अपने आप को साफ छवि का सही ठेकेदार साबित किया जा रहा है। मेले की दरगाह शरीफ में इतनी कड़ी सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाने के बाद खादिम दुश्मन कैसे एंट्री कर लेते हैं जो शीरे की भेली नमक को बिकवा रहे हैं ।जब इसकी जानकारी थी तो पुलिस को अवगत कराकर कार्यवाही क्यों नहीं करवाई गई ?
अब बात करते हैं पीने के पानी को लेकर पानी की सुविधा देने वाला मोहम्मद सलीम खान जो की एक वरिष्ठ समाजसेविक है जो 2006 से आने वाले जायरीनों को अपने निजी खर्च पर खिदमत के तौर पर अपने ट्यूबवेल से पानी पिलाते है। उनको देखते हुए इस बार कई लोगों ने भी अपने ट्यूबवेल दूर दराज से आने वाले जायरीनों के लिए खोल दिए ताकि भारी तपिश गर्मी में पानी की किल्लत ना हो और पानी से लाभ उठा सके और लोग लाभ उठा रहे हैं। जबकि ये सब मेला ठेकेदार की जिम्मेदारी थी , लेकिन उनकी ओर से कहीं भी पानी की व्यवस्था नहीं की कई उनके सभी किये गए वादे फटा ढोल साबित हो रहे हैं । लेकिन मेले में कुछ दूकानदारों द्वारा घरेलू गैस सिलेंडरों की भट्टियां लगाकर पकौड़ी चार्ट आदि बनाकर बेच रहे हैं जिनसे बड़ी घटना होने का भी अंदेशा बना रहता है।
क्या कहते है लक्सर ए एस डी एम सौरभ असवाल ?
शीरे वाली भेली प्रशाद के रूप मे चढ़ती है और यह काफी वर्षों से लोग चढ़ाते आ रहे हैं घर के गेस सिलेंडर और
सस्ते गल्ले की दुकान पर बिकने वाले आयोडीन नमक की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि खाद्यसुरक्षा विभाग की टीम मेले में जाकर इन सब चीजों का निरीक्षण करेगी और जो भी कमियां पाई जाएगी उसके आधार पर कानूनी कार्यवाही की जाएगी लेकिन अफ़सोस मेले में ना तो कोई खाद्यसुरक्षा विभाग टीम जांच के लिए पहुंची और नई फूड इंस्पेक्टर पहुंचा ।
फूड इंस्पेक्टर से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी से आप बात कर लीजिए फिर उनसे बात करने पर उन्होंने कहा है की टीम वहां पहुंच जाएगी और निरीक्षण करेगी लेकिन टीम नहीं पहुंची नहीं कोई निरीक्षण हुआ , अब जाहिर सी बात है कि सरकारी सामान का दुरुपयोग किया जा रहा है आखिरकार इतनी भारी भरकम नमक की थैलियां मेले में कैसे पहुंची ? यह किस डीलर कर्मचारी अधिकारी से सेटिंग कर के यह माल लिया गया इस मामले में सभी अधिकारी कर्मचारी एवं ठेकेदार अपना पल्ला झाड़ने हुए नजर आ रहे हैं।




